श्री हनुमान चालीसा पाठ (Shri Hanuman Chalisa) in Hindi PDF download link is available below in the article, download PDF of श्री हनुमान चालीसा पाठ (Shri Hanuman Chalisa) in Hindi using the direct link given at the bottom of content.
Book Name | Namak ka daroga pdf |
Author | Munshi Premchand |
Category | Novels |
No. of Pages | 9 |
Size | 1 MB |
Language | Hindi |
Quality | Very Good |
Source / Credits | Owners |
Download Link | Here |
Published/Updated | 24/05/2022 12.00PM IST |
Table of Contents
श्री हनुमान चालीसा पाठ (Shri Hanuman Chalisa) Book Hindi PDF
दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं सुप्रसिद्ध श्री हनुमान चालीसा पाठ का पीडीएफ वर्जन वह भी हिंदी भाषा में। अगर आप श्री हनुमान चालीसा हिंदी पीडीएफ में डाउनलोड करने के इच्छुक हैं हनुमान चालीसा डाउनलोड करनी है तो आप यकीन मानिए आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस लेख में हम श्री हनुमान चालीसा पाठ के बारे में संपूर्ण जानकारी देने के अतिरिक्त कुछ रोचक तथ्य भी बताएंगे तो आप जुड़े रहिए हमारे साथ।
hanuman chalisa lyrics pdf
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।
विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।।
अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।
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हनुमान चालीसा के लाभ
हनुमान चालीसा का पाठ करने के अनेक लाभ हैं। इसके नित्य पाठ करने से हमारे मन को शांति और नई ऊर्जा का अनुभव होता है। और शास्त्रों में वर्णित इसके गुणों के अनुसार पाठक की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
हनुमान चालीसा 7 बार पढ़ने से क्या होता है?
हनुमान चालीसा के पाठ करने से पाठ करने वाले की मन की इच्छाएं पूर्ण पूरी होती हैं लेकिन कोई अगर भक्त हनुमान जी का पाठ लगातार 7 दिनों तक हर रोज सात बार सूर्योदय के समय भगवान श्री राम जी के सामने बैठ कर बात करें तो उनकी अनेक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं
हनुमान चालीसा पढ़ते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
पाठ करते समय पाठ करने से पूर्व पाठक को अपने मन आचरण और शरीर को शुद्ध करना चाहिए। जहां तक हो सके सात्विक आहार ही ग्रहण करें। हनुमान चालीसा में से किसी भी एक पंक्ति का चुनाव अपने हिसाब से करें और नित्य प्रतिदिन तुलसी जी की माला पर मंत्र की तरह से 3 से लेकर 11 माला जप करें। और जब तक यह जब का प्रयोग किया जा रहा हो तब तक खानपान और आचरण की शुद्धता पर कठोरता से पालन किया जाए। पाठक यह हमेशा ध्यान रखें कि बिना श्री राम जी की पूजा के हनुमान जी की पूजा नहीं की जा सकती।
हनुमान चालीसा के चमत्कार
हनुमान चालीसा किसी चमत्कारिक मंत्र से कम नहीं है इसके नित्य पाठ करने से मनुष्य के विचारों में शुद्धता आती है और एक नई ऊर्जा का अनुभव होता है इससे पाठक की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
हनुमान चालीसा कब करना चाहिए
वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है परंतु यदि इसे मंगलवार और शनिवार के दिन किया जाए तो यह अत्यंत ही लाभदायक होता है।