Gandhi Management Formulas Hindi PDF FREE Download मैनजमेंट गुरु के रूप में महात्मा गांधी गाँधी के मैनेजमेंट सूत्र – हिंदी Gandhi Management Formulas Hindi PDF FREE Download मोहनदास करमचंद गांधी जिन्हे महात्मा गांधी के रूप में भी जाना जाता है।
.भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर के छोटे से मकान में हुआ था उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था।
वे अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनकी मां पुतलीबाई बहुत सज्जन एवं धार्मिक स्वभाव की थी जिसने गांधी के व्यक्तित्व पर बहुत गहरा प्रभाव डाला। गांधी जी जब 7 वर्ष के थे, उनका परिवार कठियावाड़ राज्य के राजकोट जिले में जाकर बस गया जहां उनके पिता कर्मचंद गांधी दीवान के पद पर नियुक्त थे। गांधीजी ने राजकोट में प्राथमिक और उच्च शिक्षा प्राप्त की। वह एक साधारण छात्र थे और स्वभाव से अत्यधिक शर्मीले और संकोची थे।
दक्षिण अफ्रीका की यात्रा और जीवन में अहम बदलाव
गाँधी के मैनेजमेंट सूत्र – हिंदी PDF FREE Download
दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुआ। यहां उन्होंने अलग-अलग तरह की कठिनाइयों एवं संघर्षों का सामना करना पड़ा। दक्षिण अफ्रीका में काले भारतीय एवं अफ्रीकीयो के साथ जातीय भेदभाव किया जाता था।
इस जातीय भेदभाव का सामना गांधी जी को भी करना पड़ा। अफ्रीका में गांधी जी के कार्यों ने उन्हें पूरी तरह बदल दिया। इस समय गांधीजी ने फैसला किया कि अफ्रीका में रहकर भारतीयों के साथ हो रहे हैं, जातीय भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करेंगे। इसी संघर्ष के दौरान उन्होंने अहिंसात्मक रूप से अपना विरोध जताया जो बाद में “सत्याग्रह” के नाम से जाना गया।
महात्मा गांधी एक मैनेजमेंट गुरु के रूप में
गाँधी के मैनेजमेंट सूत्र – हिंदी राष्ट्रपिता बापू को आमतौर पर राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी, अहिंसा के पुजारी के तौर पर याद किया जाता है, लेकिन उनके सादा जीवन और उच्च विचार, विशाल जन- समूह जोड़ने की कला, अहिंसा से युद्ध जितने की कला, कम संसाधनों में पूरे विश्व को जोड़ने की कला के कारण उनको भारत के विद्वानों ने मैनेजमेंट गुरु की संज्ञा दी है।
Gandhi Management Formulas Hindi PDF FREE Download
महात्मा गांधी के जीवन से वर्तमान के युवा कॉर्पोरेट जगत के प्रबंधक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र के धर्मगुरु सभी लोग विलक्षण प्रबंधन के गुण सीख सकते हैं, कैसे बापू हर एक वर्ग के लोगों को समूह से जोड़ते हैं उनके नेतृत्व क्षमता से कैसे अपने टीम का निर्माण कर सकते हैं और सफलतापूर्वक अपनी रणनीति बना सकते हैं।
वर्तमान समय में समय में युवा युवा छोटे-छोटे कार्य का तनाव सहन नहीं कर पाते है, जैसे; कई युवा माध्यमिक बोर्ड की परीक्षा में असफल हो जाते है, और आत्महत्या तक कर लेते है,उनको बापू की जीवनी एक बार पढ़ना चाहिए कि बापू अपने उच्च विचार से और विलक्षण प्रबंधन क्षमता से तनाव मुक्त रहते थे।
प्रबंधन कला और महात्मा गांधी
भले ही वर्तमान परिदृश्य में गांधी जी से बहुत सारा वर्ग असहमत होंगे लेकिन आज भी एक बड़ा आंदोलन, आयोजन बापू को याद करके ही किया जाता है। बापू की एक एक बात आज भी प्रासंगिक है, 1909 में 40 वर्षीय युवा मोहनदास करमचंद गांधी का लिखा गया “हिंद स्वराज” अपने प्रकाशन के समय कुछ लोगों का ध्यान आकर्षित नहीं कर पाया और उसमें से भी अधिकांश ने उसे व्यवहारिक माना, परंतु आज विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है, उन सबका समाधान ढूंढ पाने के लिए वही हिंद स्वराज आशा की किरण बनकर वैश्विक पटल पर उभर रहा है।
Gandhi Management Formulas Hindi PDF FREE Download जिस सभ्यता को उन्होंने राक्षसी कहा था, आज उस का विकराल रूप जलवायु संकट, गरीबी, भुखमरी, बीमारी, हथियारों का दुरुपयोग, हिंसा अविश्वास, भ्रष्टाचार, हिंसात्मक युद्ध, इत्यादि के लगातार बढ़ते परिणाम पृथ्वी पर मानवता के बने रहने पर ही प्रश्न लगा रहे हैं।
नेतृत्व कला को मैनेजमेंट का सबसे महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है इस मामले में गांधीजी का कोई जवाब नहीं था। समय के पाबंद बापू किसी भी आयोजन में समय से 10 मिनट पहले पहुंच जाते थे। आज समय प्रबंधन का बापू से अच्छा मिसाल कोई नही दे सकता है। बापू चरखा और खादी ग्रामोद्योग को एक वैश्विक ब्रांड बनाया।
आज से सात दशक पहले भारत के पास अपनी कोई पहचान नहीं थी उस समय गांधी जी ने खादी को एक स्वदेशी ब्रांड बनाया। इससे अच्छा प्रबंधन का मिसाल बापू के अलावा कोई नहीं दे सकता है।
युवाओं के लिए गांधी जी की सीख
आज भारतीय युवा एक कठिन समय का सामना कर रहा है। स्वतंत्रता के सात दशकों के बाद युवा नैतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से अधिक विक्षिप्त हो गए है।
वैश्वीकरण के साथ आधुनिकरण ने पिछले कुछ दशकों में समान रूप से जीवन और विशेष रूप से युवाओं के जीवन शैली को बदल दिया है। जनसंख्या परिवर्तन के अलावा राजनीतिक पतन बेरोजगारी और गलत तरीके से सूचनाओं के आदान-प्रदान से युवा विक्षिप्त हो गए हैं।
इस इस संदर्भ में युवाओं को गांधीवादी मूल्यों को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि वे अपने और राष्ट्र निर्माण के लिए अधिक सक्रिय हो सके।
बापू के जीवन के सफल प्रबंधन के कारण ही उन्हें महान शख्सियत बनाता है, आज के युवा बापू के जीवन से सीखना चाहिए जो निम्नलिखित है,
सत्य की राहत पर चलना;
बापू के निधन के सात दशकों के बाद भी बापू के कही बाते ज्यादा प्रासंगिक है, बापू हमेशा ईमानदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते थे। एक बार उन्होंने अपने पिता से झूठ बोला था और बाद में उन्हें पश्चाताप हुआ जब कभी झूठ नहीं बोलने की कसम खाई। सत्य के साथ गांधी जी ने कई प्रयोग किए और उन्हें अपने जीवन में इससे काफी मदद मिली। वर्तमान भारतीय युवा पीढ़ी उनके इस विचार से बखूबी प्रेरणा ले सकते हैं।
मानसिक मजबूती
Gandhi Management Formulas Hindi PDF FREE Download गांधी जी आज भारत में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर उनकी पूजा की जाती है। उनका जीवन संघर्षों से भरी पड़ी है, फिर भी बापू अपने नैतिक मूल्यों और आदर्श को स्थापित करने में एक कदम पीछे नहीं हटा। आज के युवा को अपने भावना पर संयम नहीं रह पाता है इसलिए उनकी उत्पादकता घट जाती है, यदि हमारी भावना पर संयम नहीं है, तो हम अवश्य ही मानसिक रूप से कमजोर हो जाएंगे। इसलिए आज के युवा को अपने भावना पर संयम रखकर मानसिक तौर पर मजबूती बनना चाहिए।
क्षमा करना सीखें
गांधी जी ने एक बार कहा था, ” कमजोर लोग कभी क्षमा नहीं करते क्षमा करना या भूलना मजबूत लोगों की विशेषता है, अंग्रेजों ने उन्हें मारा जेल में डाल दिया और कई लोगों ने उन्हें मारने की कोशिश की फिर भी वे सभी लोगों को क्षमा करते गए और अहिंसा की नींव रखी। युवाओं को भी गांधी जी के इन विचारों से सीखना चाहिए।
जीवन प्रबंधन के गुण
महात्मा गांधी से स्वतंत्रता के पहले एक बार गांधी जी से पूछा गया कि उनके अनुसार भारत की सबसे बड़ी समस्या क्या है? बापू ने उत्तर दिया बुद्धिजीवियों की उदासीनता। गांधी जी को गरीब, दलित वर्ग के लोगो की अधिक चिंता रहती थी और उसके लिए वे रात दिन रणनीति बनाते थे, की उनके जीवन को कैसे समृद्ध बनाया जाए। आज के युवा गांधी जी से उच्च प्रबंधन के गुण सीख सकते है, जैसे; समय प्रबंधन, नेतृत्व करना, चरित्र निर्माण करना, आदि।