ब्रह्मगीता / Brahma Geeta
सूत जी ने कहा – हे ब्रह्माज्ञो ! मैं वह Brahma Geeta आपको सुनाता हूं ,श्रद्धा सहित सुनिए !!४!! प्राचीन किसी कल्प में सब देवताओं ने मिलकर देवार्थ का विचार किया किंतु बिना तत्ववेता गुरु के वे किसी निर्णय पर न पहुंच पाने से संस्यग्रस्त हो गये। उन्होंने उग्र तप किया और वेद का नि:संदिग्ध … Read more