मन की शक्ति
लेखक: मैक्सवेल माल्ट्ज
अनुवाद :सुधीर दीक्षित
श्रेणी :सेल्फ हेल्प और पर्सनेलिटी डेवलपमेंट
Psycho cybernetics पर आधारित
Dr maxwel maltz द्वारा लिखी psycho cybernetics pustak ka यह एक नया संस्करण है जो मेनली उन्ही के मूल सिद्धांतों के इर्द गिर्द रचित है। यह पुस्तक उनकी मृत्यु के काफी समय बाद प्रकाशित हुई। मगर यहसमाज के कई वर्गो के समान रूप से उपयोगी है ।
लेखक : मैक्सवेल मॉल्ट्ज़
पुस्तक की भाषा : हिंदी
पेज : 390
क्या है psycho cybernetics
Psycho का अर्थ है साइकोलॉजी यानी मनोविज्ञान और cybernetics ka अर्थ है algorithm / programm। जब हम अपने दिमाग के भीतर कोई साइकोलॉजिकल प्रोग्राम( मनोवैज्ञानिक तथ्य या सूचना) डाल देते है तो उसे ही psycho cybernetics कहा जाता है।
अध्याय एक: आत्म छवि :सीमारहित जीवन की कुंजी
अध्याय दो : अपने भीतर के स्वचालित सफलता के मकैनिज्म को कैसे जाग्रत करें।
अध्याय तीन: कल्पना आपके स्वचालित सफलता मेकैनिज्म को चालू करने वाली चाभी।
अध्याय चार : झूठे विश्वासों के सम्मोहन को कैसे तोड़े।
अध्याय पाँच: तार्किक सोच की शक्ति के सहारे कैसे सफल हो।
अध्याय छह: किस तरह शांत बने रहे और अपने स्वचालित सफलता मेकैनिज्म को अपने लिए कार्य करने दें।
अध्याय सात: आप खुशी की आदत डाल सकते हैं।
अध्याय आठ: सफल व्यक्तित्व के गुण और उन्हें कैसे हासिल किया जाए?
अध्याय नौ: अपने स्वचालित सफलता मेकैनिज्म को संयोगवश सक्रिय होने से कैसे बचें?
अध्याय दस: भावनात्मक निशान कैसे हटाए और भावनात्मक सुंदरता कैसे पाएं
अध्याय ग्यारह: अपनी सच्चे व्यक्तित्व का ताला कैसे खोलें
अध्याय बारह: स्वयं आजमा कर देखने वाले ऐसे तनावनाशक, जो मानसिक शांति लाते हैं।
मन की शक्ति – हिंदी PDF) जो व्यक्ति अपने आप को पहले से ही किसी काम के लिए अयोग्य मान लेता है,वह अपने तमाम अच्छे इरादों और आत्म शक्ति के बावजूद कोई न कोई बहाना ढूंढ ही लेटा है। जिससे वह असफल होगा। कोई भी इंसान जैसी सोच या फिर पूर्वाग्रह अपने अंत: मन में बिठा लेता है वह उसी की भांति कार्य करने लग जाता है भले ही परिस्थितिया कितनी भी उसके अनूकूल ही क्यों न हो।
महाभारत में एक युक्ति है की रणभूमि में युद्ध से पहले मनोभूमि में युद्ध लड़ना पड़ता है ।उसी तरह psycho cybernetics काम करता है।
किसी काम को करने से पहले हमे दिमागी रूप से उस कार्य को सम्पन्न करने के लिए तैयार रहना चाहिए ।
Psycho cybernetics की क्रियाविधि को हम एक उदाहरण के तौर पर समझ सकते है ।जैसे की हमे पब्लिक स्पीकिंग से डर लगता है या फिर हमे पब्लिक गैदरिंग , गेट टू गदर ,फंक्शन etc से डर लगता है। यह डर हमारे दिमाग में हमारे ही दिमाग की वजह से आया है क्युकी हमारा मन सोचता है की अगर हम पब्लिक के सामने कुछ बोलते है और वह गलत हो गया या फिर हम बोल नही पाए तो हमारी बेज्जती हो जायेगी लोग हम पर हसेगे वगैरा वगैरह।इस कंडीशन में हमारे माइंड में एक थीसिस बैठ जाता है की हम पब्लिकली इंगेज नही होगे।और यह डर हमेशा के लिए हमे अपना शिकार बना लेगा। वही दूसरी तरफ अगर हम अपने दिमाग को प्रेशराइज की यह सब के साथ होता है सभी से गलतियां होती रहती है इसमें कोई डरने वाली बात नही है । शुरू शुरू में सभी के साथ ऐसा होता है।तब हमारा दिमाग एकात दो बार के अनुभव के बाद खुद ब खुद इसमें इंवॉल्व होना स्टार्ट कर देगा और हमे खुद आगे करेगा टू स्पीक पब्लिकली एंड मीटिंग टुगेदर ।
इसके कई सारे केसेज है थ्योरीज है और सभी का अपना अपना एक पर्सनल एक्सपीरियंस भी ।अपना खुद का पर्सनल एक्सपीरियंस भी psycho cybernetics में एक विशेष मायने रखता है।
दुनिया के कामयाब लोगो की सात आदतें PDF Download
अगर हम किसी को अपना आइडल बनाते है तो धीरे धीरे उसकी खुबिया उसके तौर तरीके रहन सहन लाइफस्टाइल etc को हम अपने जीवन में फॉलो करने लग जाते है।जो psycho cybernetics का ही एक भाग है ।
हमेशा हमे कोई बड़ा काम करने से पहले उसको छोटे छोटे कार्यों में बाट लेना चाहिए।और प्रत्येक कार्य के बाद खुद को कुछ न कुछ ट्रीट देना चाहिए । उसे एंजॉय करना चाहिए ।जिससे की हमारा मोटिवेशन कम ना हो, ना ही उस काम से हमारा ध्यान भटके।
हमेशा छोटी छोटी खुशियों ,अचीवमेंट्स, गोल्स, अवॉर्ड्स पल को खुल कर एंजॉय करना चाहिए खुद भी और दूसरो के में भी।
कभी भी किसी की सुनी सुनाई बातो से किसी तीसरे के प्रति कोई थ्योरी बनाने से बचना चाहिए ।क्योंकी ये हमारे दिमाग में एक नेगेटिविटी की तरह कार्य करती है ।
पुस्तक के कुछ अंश
“यदि आप याद कर सकते है ,चिंता कर सकते है या जूतेके फीते बाँध सकते है,तो आप साइको साइबरनेटिक्स के इस्तेमाल मे सफल हो सकते है।”
तो वास्तव मे साइको साइबरनेटिक्स क्या है?
आप यह मान सकते है कि क साइको साइबरनेटिक्स जानकारियो , सिद्धांतों
और व्यावहारिक विधियों का समूह है, जो आपको निम्न कार्य करने मे
समर्थ बनाता है
1. अपनी आत्म -छवि की सामग्री की सटीक जाँच और विश्लेषण करना।
2. अपनी आत्म-छवि मे निहित ग़लत व बंधनकारी प्रोग्रामिंग को पहचानना और अपने उद्देश्यो के हिसाब से इसे सुनियोजित तरीके से बदलना
3. अपनी आत्म-छवि की दोबारा प्रोग्रामिंग और प्रबंधन के लिए अपनी कल्पना का इस्तेमाल करना।
4. अपने सर्वो मैकेनिज्म के साथ प्रभावी संचार के लिए अपनी आत्म-छवि के तालमेल मे कल्पना का प्रयोग करना, ताकि यह स्वचालित सफलता मैकेनिज्म के रूप में कार्य करे, आपको अपने लक्ष्यों की ओर निरंन्तर आगे ले जाए, जिसमे बाधाएँ सामने आने पर सही रास्ते पर वापस लौटाना शामिल है।
5. अपने सर्वों मैकेनिज्म का किसी वृहद सर्च इंजन की तरह प्रभावी इस्तेमाल करना, ताकि यह किसी ख़ास उद्देश्य के लिए जरूरत का विचार जानकारी या समाधान प्रदान करे – यहाँ तक कि इसे हासिल करने के लिए आपके ख़ुद के संग्रहीत डेटा से परे जाए।
एक तरह से, साइको साइबरनेटिक्स ऐसा संचार तंत्र है, जिसमे आप ख़ुद के साथ प्रभावी ढंग से संवाद कर सकते है।
PDF डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लीक करे