Garuda Purana Pdf Free Download

Garuda Purana Pdf Free Download गरुड़ पुराण वैष्णव धर्म संप्रदाय से संबंधित एक महापुराण है। यह सनातन धर्म में मृत्यु के बाद मोक्ष प्रदान करने के लिए जाना जाता है। आज हम बात करेंगे गरुड़ पुराण की, गरुड़ पुराण वेदव्यास जी द्वारा लिखित पुराण है। वेदव्यास ने 18 पुराण लिखे है। इसमें गरुड़ पुराण, वैष्णव पुराण भी कहा जाता है।

क्यों पढ़ना चाहिए गरुड़ पुराण?

गरुड़ पुराण भगवान विष्णु को समर्पित महापुराण है, जिसकी रचना वेदव्यास जी के द्वारा की गई है। गरुड़ पुराण में संपूर्ण मानव जाति के कल्याण का रास्ता बताया गया है, इस पुराण में मृत्यु की पहले और मृत्यु की बात की स्थिति को बताया गया। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरूड़ के बीच संवाद का वर्णन किया गया है।

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यदि कोई जीवित मनुष्य अपने जीवन में गरुड़ पुराण का पाठ करता है, तो विद्या, यश, सौंदर्य, लक्ष्मी, आरोग्य आदि के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। जो मनुष्य इसका नियमित पात्र करता है वह जन्म मृत्यु से पड़े हो जाता है। जो मनुष्य इसको नियमित रूप से इस पुराण को अपने पास रखता है, पढ़ता है, किसी को पढ़ाता है।

Garuda Purana Pdf Free Download वह धार्मिक व्यक्ति को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की सिद्धि हो जाती है। इस महापुराण का पाठ करके पुत्र चाहने वाला पुत्र की  प्राप्ति करता है। मंगल कामना करने वाला व्यक्ति मंगल, गुणों के इच्छा करने वाला व्यक्ति गुण, काव्य करने वाला अभिलाषी मनुष्य कवित्व शक्ति।

गरुड़ पुराण में कुल कितने अध्याय है?

गरुड़ पुराण व्यास जी द्वारा लिखित 18 पुराणों में से एक है, इस महापुराण में 18 हजार श्लोक, और 271 अध्याय है। पुराणों में इसका स्थान 17 वा है।

गरुड़ पुराण सुनने का उचित समय मृत्यु के बाद सुनना चाहिए या मृत्यु से पहले?

बहुत सारे लोगों में गरुड़ पुराण के प्रति यह भ्रांति फैलाई है, कि इस पुराण का पाठ या सुनना मृत्यु के बाद करनी चाहिए। लेकिन यह केवल भ्रम है, गरुड़ पुराण को जीते जी ही सुनना चाहिए। ताकि सभी मानव जाति इस गूढ़ रहस्यों को जानकर जीवित रहते हुए अपना कर्म में सुधार ला सके। ताकि मरने के उपरांत उनका बुरा कर्म पीछा नहीं करे।

गरुड़ पुराण सुनने से क्या लाभ होता है?

गरुड़ पुराण के नियमित पठान करने वाले धार्मिक व्यक्ति को यश, आत्मा को शांति एवं इसमें उल्लेखित ज्ञान हमारे कर्मों को सुधारता है, एवं हमारा मार्ग प्रशस्त करता है, हमे बुरे कर्म करने से रोकता है, तथा बुरे कर्मो का पाश्चात्यप हमे नही भोगना पड़ता है।

गरुड़ पुराण में बताया गया नरक यात्रा क्या है?

जिस प्रकार सुख है, तो दुःख भी है, उसी प्रकार चौरासी लाख योनियों में चौरासी लाख नरक भी है, जिन्हे जीव अपने कर्मफल के रूप में भोगता है। गरुड़ पुराण में इसी स्वर्ग नरक वाली व्यवस्था को विस्तार से वर्णन किया गया है।

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Garuda Purana Pdf Free Download प्रेत के बारे में  भगवान विष्णु ने बताया है, कि आपने देखा होगा बहुत सारे मनुष्य पर अपने मरे हुए सगे संबंधियों कभी-कभी परेशान करते हैं उसी के बारे में बताते हुए नरक में जाने के बाद प्राणी प्रेत बनकर अपने परिजनों और संबंधियों को अनेक कष्टों से प्रताड़ित करता रहता है|

जो व्यक्ति मित्र से विश्वासघात करता है, ब्राह्मण अथवा मंदिर की संपत्ति का हरण करता है, पराई स्त्री से व्य व्यभिचार करता है,  ईश्वर में विश्वास नहीं करता, कन्या का विग्रह करता है, निर्बल को सताता है, ऐसा व्यक्ति प्रेत योनि में अवश्य जाता है, ऐसा व्यक्ति अवश्य ही प्रेत योनि में जाता है और उसे अनेकानेक नारकिए कष्ट भोगना पड़ता है। ऐसे व्यक्ति को जीवन रहते अनेक रोग, व्यापार में हानि, गर्भनाश, पारिवारिक कलह, अशांति, संतान सुख प्राप्त नहीं होना आदि अनेका अनेक कष्ट भोगना पड़ता है।

गरुड़ पुराण की हमें कुछ बातें याद रखेंगे तो हम कभी मात नहीं खाएंगे

Garuda Purana Pdf Free Download गरुड़ पुराण में हमारे जीवन को लेकर कई गूढ़ बातें बताई गई है।  यह पुराण हिंदू धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथों में से एक है। तो आइए हम जानते हैं, की गरुड़ पुराण की कौन सी बात हमें ध्यान में रखनी चाहिए।

  •  आरोग्य लाभ;  संतुलित आहार लेने से निरोगी काया प्राप्त होती है,  संतुलित आहार लेने से हमारे शरीर में सारे पोशाक तत्व मिलती रहती है, जिससे रोग घर नही कर पाता है। इसलिए सदैव सुपाच्य भोजन ही करना चाहिए।
  • मैले वस्त्र यानी गंदे कपड़े धारण करने वालो लोग से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है, इसलिए प्रतिदिन सुबह स्नान करके स्वच्छ परिधान पहनना चाहिए।
  •   गरुड़ पुराण के मुताबिक रात को हमेशा झूठी बर्तन को साफ करके ही सोना चाहिए। झूठी बर्तन छोड़ देने से शनि देव का बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए खाना खाने के बाद बर्तन को अच्छे से मांजकर रखना चाहिए।
  • कुछ लोग को सुबह देर से जगने की प्रवृत्ति होती है, खासकर युवाओं में। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोगो को आलसी प्रवृत्ति का माना जाता है, इसलिए यथासंभव सुबह उठना चाहिए।

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गरुड़ पुराण का सारांश

गरुड़ पक्षी को भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है, भगवान विष्णु और वाहन गरुड़ के बीच के संवाद को ही गरूड़ पुराण में लिखा गया है। वाहन गरूड़ ने भगवान विष्णु से कुछ प्रश्न किए है। वह सवाल है, मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति  यमलोक यात्रा विभिन्न कर्मों से प्राप्त होने वाले नरक क्या है, इत्यादि कुछ रहस्यमय सवाल पूछे गए है?

उस समय भगवान विष्णु ने गरुड़ की जिज्ञासा शांत करते हुए उन्हें ज्ञानमय में उपदेश दिया। उसी उपदेश का इस पुराण में विस्तृत वर्णन किया गया है। इस पुराण को गरुड़ विद्या भी कहा जाता है।

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गरूड़ पुराण से संबंधित सवाल जवाब

Q 1. गरुड़ पुराण में किस भगवान की चर्चा है?

Ans;  गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच संवाद की कथा है।

Q 2. गरुड़ पुराण का और नाम क्या है?

Ans; गरुड़ पुराण को वैष्णव पुराण और गरुड़ विद्या के नाम से जाना जाता है

Q 3. गरूड़ कौन है?

Ans;  गरुड़ भगवान विष्णु का वाहन है, और महर्षि कश्यप का पुत्र है।

Q 4. क्या गरुड़ पुराण को मौत के बाद पढ़ना चाहिए?

Ans; नही, गरुड़ पुराण को मनुष्य को जीवित रहते पढ़ना चाहिए। क्युकी इस पुराण में मृत्यु के पहले और मृत्यु के बाद के गूढ़ रहस्यों की चर्चा की गई है। इसके सुनने या पढ़ने मात्रा से  मनुष्य को कर्म फल में सुधार हो जाता है।