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rig veda pdf download वेद शब्द का सामान्य अर्थ है ज्ञान ज्ञान वह प्रकाश ऊर्जा स्रोत है जिससे मनुष्य के हृदय और बुद्धि पर छाया हुआ अंधकार हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।
पुराने समय में भी वेदों के बारे में बहुत अच्छी महत्व बताई गई है।
Book Name | rig veda pdf download |
Author | |
Category | Dharmik |
No. of Pages | |
Size | 10 MB |
Language | |
Quality | Very good |
Source / Credits | |
Download Link | Click here |
Published/Updated | 22/05/2022 |

रिग वेद rig veda pdf download में क्या लिखा है ?
ऋग्वेद में देवताओं द्वारा प्रार्थना एवम् देवलोक की स्थिति का वर्तांत मिलता है। जिसमें जल,वायु,सौर, मानस और हवन चिकित्सा आदि का वृतांत मिलता है। ऋग्वेद में च्यवन को दुबारा जीवित करने की कथा का भी उल्लेख मिलता है।
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rig veda pdf ऋग्वेद के लेखक कौन हैं?
ऋग्वेद की रचना श्री वेदव्यास जी ने की है।
ऋग्वेद की रचना सप्त सैंधव क्षेत्र में हुई है। ऋग्वेद में 10 मंडल 1028 श्लोक और लगभग 10600 मंत्र है। 1028 श्लोक के अंदर 1017 सूक्त और 11 बालखिल्य आते हैं। ऋग्वेद में सूर्य अग्नि वरुण इंद्र आदि देवताओं की प्रार्थना का वर्णन किया गया है।
प्राचीन काल में ऋषि पराशर वशिष्ठ ,वेदव्यास, जैमिनी, याज्ञवल्क्य, इत्यादि ऋषियों को वेदों के अच्छे ज्ञाता माना गया है।
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वेदों की उत्पत्ति कैसे हुई
प्राचीन मान्यता में एक ऐसी मान्यता भी है कि परमपिता परमेश्वर निराकार जिन्होंने चार महर्षियों की उत्पत्ति की जिनके क्रमश: नाम अग्नि वायु आदित्य और अंगिरा नाम थे जिन्होंने संसार में ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद अथर्ववेद का ज्ञान दिया उन महर्षियों ने यह ज्ञान परमपिता परमेश्वर ब्रह्मा जी को भी दिया।
वेद का क्या अर्थ है
वेद को श्रुति कहा गया है क्योंकि ईश्वर के द्वारा ऋषियों को बताए गए ज्ञान पर आधारित है।
वेद में विज्ञान और ज्ञान का अथाह है भंडार भरा हुआ है जिसमें मानव की आज के युग की हर समस्या का समाधान छुपा हुआ है।
वेदों में ऋग्वेद rig veda pdf downloadको दुनिया की प्रथम पुस्तक भी कहा गया है और प्रथम धर्म ग्रंथ भी है।
सबसे पहले ऋग्वेद rig veda pdf की ही रचना हुई है ऋग्वेद के कुछ श्लोकों को मिलाकर सामवेद यजुर्वेद और अथर्ववेद की रचना हुई।
वेदों के उपवेद
ऋग्वेद rig veda pdf का उपवेद आयुर्वेद बताया गया है और यजुर्वेद का उपवेद धनुर्वेद बताया गया है सामवेद का उपवेद गंधर्व वेद बताया गया है और अथर्ववेद का उपवेद स्थापत्य वेद बताया गया है यह कर्म से चारों वेदों के उपवेद बताए गए हैं।
संसार की सबसे पहली पुस्तक
इस जगत में ईश्वर के द्वारा लिखी गई सबसे पहली पुस्तक वेद ही है जिसमें पूरे संसार का ज्ञान अर्थ धर्म विज्ञान सब कुछ बताया गया है मानव का पूरा जीवन चरित्र बताया गया है। मानव जीवन चार श्रेणी में जीना चाहिए जिसमें बाल्यावस्था है युवावस्था है उसके बाद में वृद्धावस्था है इन सभी अवस्थाओं को कैसे जीना है इसके बारे में वेदों में बताया गया है
ऋग्वेद की शाखाएं
ऋग्वेद rig veda pdf की 3 शाखाएं वर्णित है
१ सकल शाखा – जिसमें 1017 मंत्र है जो कि ( वर्तमान में उपलब्ध है)
२ वाष्कल शाखा – जिसमें 57 मंत्र है।
३ बालखिल्य शाखा – जिसमें 11 मंत्र है।
ऋग्वेद के ब्राह्मण ग्रंथ
ऐतरेय ब्राह्मण और कोषितकी ब्राह्मण
ऐतरेय ब्राह्मण में पंच जनों की गणना की गई है जो इस प्रकार हैं देव, मनुष्य, गंधर्व ,अप्सरा और पितरों।
ऐतरेय ब्राह्मण में सर्वप्रथम राजा की उत्पत्ति का सिद्धांत मिलता है और कर्मों के आधार पर चारों वर्णों की जानकारी भी इसी ऐतरेय ब्राह्मण में मिलती है।
कोषितकी ब्राह्मण
ऋग्वेदrig veda pdf इसका उपवेद आयुर्वेद को बताया गया है और आयुर्वेद की रचना करने वाले श्री धनवंतरी थे।
(असतो मा सद्गमय) यह वाक्य ऋग्वेद rig veda pdf download से ही दिया गया है।
गायत्री मंत्र का ऋग्वेद में ही उल्लेख मिलता है।
ऋग्वेद के मंडल में एक ही देवता की स्लोक और स्थिति का वर्णन है जो कि सोमदेवता है। ऋग्वेद में स्वर्ग लोक के देवता इंद्र को सबसे शक्तिशाली माना गया है और इंद्र की स्तुति में ऋग्वेद में 250 ऋचाऐं हैं।