चिराग योजना 2022, भारत में शिक्षा का बहुत पुराना इतिहास है नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय पूरे विश्व में उत्कृष्ट शिक्षा प्रणाली थी! भारत में 18 से 50 तक गुरुकुल की प्रथा चलती आ रही थी! परंतु पास्चत्य स्कूलों द्वारा संचालित शिक्षा व्यवस्था से भारतीय प्राचीन शिक्षा प्रणाली का अंत हुआ!
वर्तमान परिदृश्य में गरीब और वंचित वर्ग के लिए निजी संस्थान में पढ़ाना बहुत ही दुष्कर कार्य हो गया है, निजी विद्यालय में भारत सरकार की मानक शिक्षा शुल्क तय नहीं किया गया है, ना ही कोई एक पाठ्य पुस्तक है
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जिसकी वजह से सभी विद्यालयों का शुल्क अलग अलग है, सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण और सुदूर इलाकों में होती है!
- हरियाणा हरियाणा सरकार ने शिक्षा नीति के तहत किया बड़ा ऐलान
- सालाना सत्यापित आय 1.80 लाख रुपए से कम परिवार वाले बच्चे को फ्री शिक्षा मिलेगी
- गरीब और वंचित परिवार के बच्चों का भी अब निजी स्कूल में दाखिला
इसी को मध्य नजर रखते हुए हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग ने एक योजना लाई है, इसके इसके लाभार्थी हरियाणा राज्य के आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार वाले बच्चे होंगे!
चिराग योजना 2022 के मुख्य अंश
योजना | चिराग योजना 2022 |
purpose | गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना |
शुरुआत | हरियाणा सरकार द्वारा |
साल | 2022 |
लाभार्थी | क्लास दो से बारहवीं तक के बच्चे |
आवेदन की प्रक्रिया | ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन |
ऑफिशल वेबसाइट | schooleducationharyana.gov.in |
चिराग योजना की विशेषताएं,Chief Minister Equal Education Relief, Assistent And Grant
हरियाणा सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा चिराग योजना शुरू की गई है इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए चिराग योजना के तहत राज्य सरकार आर्थिक मदद देगी!
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने दूसरी कक्षा से 12वीं कक्षा(2_12) के बच्चों के लिए निजी मान्यता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ने के लिए समान शिक्षा राहत सहायता एवं अनुदान की स्कीम लाई है! नए शिक्षा सत्र एक अप्रैल से राज्य सरकार ने नियमजेड-134 A को खत्म कर उसकी जगह चिराग योजना की शुरुआत की है!
इस योजना के तहत ₹एक लाख 80 हजार से कम सालाना आय वाले परिवारों के जो बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें दूसरी से बरावी कक्षा तक की किसी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में मुफ्त शिक्षा दिलाई जाएगी! राज्य सरकार की मंशा है कि आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवार वाले छात्रों की गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से वंचित ना रहे!
सरकार के द्वारा निजी स्कूलों में जो बच्चे पढाये जायेंगे उनके लिए फ़ीस निर्धारित कर दी है इसमें क्लास एक से लेकर पांचवी तक 700 रूपये और छठी से लेकर आठवीं तक के छात्रों को 900 रूपये और 9 से लेकर 12 वीं तक के छात्रों को 1100 रूपये है
चिराग योजना 2022 Highlights
योजना | चिराग योजना हरियाणा 2022 |
राज्य | हरियाणा |
विभाग | शिक्षा विभाग |
purpose | गरीब परिवार के बच्चो को अच्छी शिक्षा देना |
beneficiary | हरियाणा राज्य के 2 कक्षा से 12 कक्षा तक के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र |
लाभ | गरीब छात्रों को फ्री में शिक्षा देना |
आवेदन की अंतिम तिथि | 8 जुलाई 2022 |
चिराग योजना 2022 के लाभ,Benefits of Chirag Yojana 2022
- चिराग योजना के तहत गरीब आर्थिक पृष्ठभूमि के छात्र भी निजी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे
- अब छात्रों के माता पिता को फ़ीस की चिंता नहीं रहेगी क्योकि फ़ीस सरकार वहन कर रही है और बच्चे भी निजी स्कूलों में अच्छी शिक्षा ले रहे है
- राज्य में शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा,साक्षरता दर ऊँचा करने में चिराग योजना काफी महत्वपूर्ण साबित होगी
चिराग योजना 2022 की पात्रता,Eligibility of Chirag Yojana 2022
इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए –
- हरियाणा राज्य के छात्र या छात्रा होने चाहिए
- परिवार की वार्षिक आय एक लाख 80 हजार से ज्यादा नहीं होनी चाहिए
चिराग योजना 2022 के दस्तावेज। Documents of Chirag Yojana 2022
- आधार कार्ड
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- फोटो
- पूर्व विद्यालय की टी सी
अध्यापक संघ कर रहे हैं विरोध
इस योजना के खिलाफ राज्य के शिक्षक सड़को पर आकरा विरोध कर रहे हैं, और इस योजना इस योजना को वापस लेने की मांग कर रहे हैं, उनका स्पष्ट कहना है कि इस योजना के चलते सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे! जिससे निजी विद्यालयों का दबदबा हो जाएगा!
खंड के स्कूलों में ही करना होगा आवेदन
चिराग योजना के तहत शिक्षा विभाग मुफ्त शिक्षा (Free Education) प्रदान कर रही है इस योजना के तहत छात्र दाखिले हेतु खंड के मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में उपलब्ध सीटों पर दाखिले के लिए पात्र होंगे! पास के वह एक से अधिक विद्यालयों में भी नामांकन करा सकते हैं
नामांकन के लिए उपलब्ध सीट कक्षा अनुसार पोर्टल पर दर्शाया जाएगा! निजी विद्यालयों को छात्र द्वारा नामांकन के लिए आवेदन दिया जाएगा! वह विद्यालय छात्रों को नामांकन का रसीद अवश्य देंगे! जिस मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय में उपलब्धि से अधिक आवेदन आएंगे उस स्थिति में लाटरी के माध्यम से दाखिला होगा!
चिराग योजना 2022 का उद्देश्य,Objective of Chirag Yojana 2022
हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई चिराग योजना 2022 का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब होनहार बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में बेहतर और अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए तथा उन्हें निजी स्कूलों में एडमिशन दिलाना है।
इस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे छात्र बढ़िया प्राइवेट स्कूलों में पढ़ सकते हैं। और उन्हें इसके लिए महंगी फीस की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा उन्हें आर्थिक मदद के रूप में फीस पर अनुदान दिया जाएगा।
चिराग स्कीम से जुड़े जरूरी निर्देश
- सफल छात्र का सरकारी विद्यालय से विद्यालय परित्याग सर्टिफिकेट लिया जाना अनिवार्य है!
- दाखिले के लिए विद्यार्थी का परिवार पहचान पत्र का होना आवश्यक है!
- उन्हीं निजी विद्यालय की सरकार द्वारा जारी की जाएगी जिन्होंने अपने विद्यालय शुल्क फॉर्म- 6 में पोर्टल पर दर्शाया हो।
- विद्यालय द्वारा छात्रों का नामांकन 2 दिन के अंदर पोर्टल पर अपडेट किया जाना अनिवार्य होगा।
- निजी विद्यालयों द्वारा दाखिल होने वाले छात्रों की सूची सेकेंडरी शिक्षा निदेशक और मौलिक शिक्षा विभाग को भेजना अनिवार्य होगा!
हरियाणा सरकार निम्नलिखित प्रकार से मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों की शुल्क भुगतान करेगी
चिराग योजना स्कीम के तहत शिक्षा विभाग निम्न तरीके से निजी मान्यता प्राप्त विद्यालय का शुल्क वहन करेगी!
दूसरी से पांचवी कक्षा तक ₹700 प्रति छात्र, छठी से आठवीं कक्षा ₹900 प्रति छात्र, नौवीं से 12वीं कक्षा में 1100 रुपए प्रति छात्र के अनुसार करेगी वहन करेगी!
चिराग योजना स्कीम की समीक्षा
हरियाणा सरकार की यह चिराग योजना छात्र कल्याणकारी साबित होगी! क्योंकि गांव, कस्बे और सुदूर इलाके के छात्र और छात्राओं को इसका ज्यादा लाभ मिलेगा! समाज के सभी वर्ग से आए बच्चों का निजी विद्यालय में दाखिला होगा!
इससे समावेशी शिक्षा,समान शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, गरीब बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ेगा वे समृद्ध परिवार के बच्चों के साथ मिलकर पढ़ेंगे और सीखेंगे!
अभी तक सरकारी एवं निजी विद्यालय के बच्चों के बीच सामंजस्य नहीं देखने को मिलता है, जिसके कारण ग्रामीण इलाकों को बच्चों में पढ़ाई के प्रति आत्मविश्वास देखने को नहीं मिलता है, और हीनता की भावना आ जाती है।
सरकारी विद्यालयों में समाज के सभी वर्ग के बच्चे आते हैं, और निजी विद्यालयों में समृद्ध परिवार के ही बच्चे आते हैं, दोनों एक साथ पढ़ेंगे तो निश्चित रूप से और वंचित परिवार के बच्चों का सपना साकार होगा और योजना सफल हो पाएगी!